Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi – विष्णु सहस्रनाम हिन्दी में

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क्या आप भगवान विष्णु के दिव्य 1000 नामों का संपूर्ण पाठ हिन्दी में खोज रहे हैं? तो आप एकदम सही स्थान पर आए हैं। Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi लेख में आपको शुद्ध देवनागरी लिपि में विष्णु जी के सहस्र नाम मिलेंगे, जिन्हें नियमित जपने से पापों का नाश, रोगों से मुक्ति और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र महाभारत के अनुशासन पर्व का हिस्सा है और इसे स्वयं भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था।

विष्णु सहस्रनाम संपूर्ण जानकारी

विवरणजानकारी
स्तोत्र नामविष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्
भाषाहिन्दी (देवनागरी लिपि)
श्रोतमहाभारत – अनुशासन पर्व
संख्यात्मक नाम1000 (सहस्र नाम)
देवताश्री विष्णु (नारायण, हरि)
लाभमोक्ष, मानसिक शांति, दुख नाश, विष्णु कृपा
पाठ समयसुबह/शाम, एकाग्रता से, पुष्य या गुरुवार श्रेष्ठ

विष्णु सहस्रनाम पाठ की महिमा

  • भगवान विष्णु के 1000 नामों का जाप अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
  • यह स्तोत्र भीष्म पितामह द्वारा रचित है और महाभारत का अंग है।
  • इसका नित्य पाठ पापों से मुक्ति, मन की स्थिरता और ईश्वर की कृपा लाता है।
  • कई भक्त इसे संध्या समयएकादशीगुरुवार, या विशेष व्रत पर पढ़ते हैं।

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranamam in Devanagari Script)

विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranamam with Hindi Meaning)

(यहाँ भगवान विष्णु के 1000 नाम शुद्ध देवनागरी लिपि में, हिंदी अर्थ सहित दिए जा रहे हैं।)

  1. विष्णुः – जो व्यापक है, सर्वत्र व्याप्त है
  2. जिष्णुः – जो सदैव विजयी रहता है
  3. वषट्कारः – यज्ञ में प्रयुक्त मंत्र “वषट्” के रूप में प्रकट
  4. भूतभव्यभवत्प्रभुः – भूत, भविष्य और वर्तमान का स्वामी
  5. भूतकृद्भूतभृद्भावः – समस्त प्राणियों का सृजनकर्ता, पालनकर्ता
  6. भूतात्मा – समस्त जीवों की आत्मा
  7. भूतभावनः – समस्त जीवों का पोषण करने वाला
  8. पूतात्मा – पूर्णतः पवित्र आत्मा
  9. परमात्मा – परम सर्वोच्च आत्मा
  10. मुक्तानां परमा गतिः – मुक्त आत्माओं का परम लक्ष्य
  11. अव्ययः – जिसका कभी क्षय नहीं होता
  12. पुरुषः – सम्पूर्ण ब्रह्मांड का आधार
  13. साक्षी – सब कुछ देखने वाला, साक्षी रूप
  14. क्षेत्रज्ञः – शरीर (क्षेत्र) का ज्ञाता
  15. अक्षरः एव च – जो कभी नष्ट न हो
  16. योगः – समत्व रूप ईश्वर
  17. योगविदां नेता – योग विद्या के ज्ञाताओं के नेता
  18. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष दोनों के स्वामी
  19. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  20. श्रीमान् – जो श्री (लक्ष्मी) के साथ सदा रहते हैं
  21. केशवः – जिनके केशों में ब्रह्मा और शिव स्थित हैं
  22. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  23. सर्वः – सब कुछ वही है
  24. शर्वः – संहारक रूप
  25. शिवः – कल्याणकारी
  26. स्थाणुः – अचल, अडिग
  27. भूतादिः – समस्त प्राणियों से पूर्व विद्यमान
  28. निधिः अव्ययः – अक्षय भंडार
  29. संभवः – जो सृष्टि का कारण है
  30. भावनः – पालन करने वाला
  31. भर्ता – सभी का भरण पोषण करने वाला
  32. प्रभवः – जिससे सब उत्पन्न होते हैं
  33. प्रभुः – सर्वशक्तिमान
  34. ईश्वरः – सर्वेश्वर
  35. स्वतन्त्रः – पूर्ण स्वतंत्र
  36. सृष्टिकर्ता – सृष्टि का निर्माण करने वाला
  37. खप्त्रः – सृष्टि का पालनकर्ता
  38. प्रजापतिः – समस्त प्राणियों के अधिपति
  39. हिरण्यगर्भः – स्वर्ण के समान प्रकाशमान
  40. भूगर्भः – पृथ्वी में स्थित
  41. माधवः – लक्ष्मीपति
  42. मधुसूदनः – मधु नामक दैत्य का वध करने वाला
  43. ईशानः – समस्त दिशाओं का स्वामी
  44. ईश्वरोत्तरः – समस्त ईश्वरों से श्रेष्ठ
  45. कालः – समय रूप
  46. नियमः – अनुशासन का आधार
  47. अनादिः – जिसका कोई आदि नहीं
  48. धर्मः – धर्मस्वरूप
  49. धाता – सब कुछ धारण करने वाला
  50. विधाता – विधि को रचने वाला
  51. धातुः – सृष्टि के मूल तत्व
  52. आत्मजः – आत्मा से उत्पन्न
  53. चतुराननः – चार मुख वाले ब्रह्मा
  54. ब्रह्मा – सृष्टिकर्ता ब्रह्मा
  55. विष्णुः – पालनकर्ता विष्णु
  56. रुद्रः – संहारक रुद्र
  57. स्कन्दः – कुमार कार्तिकेय
  58. अश्विनौ – अश्विनीकुमार
  59. मरुतः – वायुदेव के गण
  60. मनुः – मानव जाति के आदि पुरुष
  61. सूर्यः – प्रकाश का स्रोत
  62. चन्द्रमाः – शीतलता देने वाला
  63. यमः – मृत्यु के देवता
  64. कुबेरः – धन के अधिपति
  65. इन्द्रः – देवताओं के राजा
  66. वरुणः – जल के अधिपति
  67. अग्निः – अग्निदेव
  68. वायुः – पवन देवता
  69. प्रजापतिः – सृष्टि के नियंता
  70. हिरण्यगर्भः – दिव्य तेज से युक्त
  71. कालः – काल रूप
  72. कृतज्ञः – कृतज्ञता को जानने वाला
  73. कृतिः – सृष्टि की क्रिया
  74. आत्मवान् – आत्मा से युक्त
  75. सुरेशः – देवों के ईश्वर
  76. शरणम् – शरण देने वाला
  77. शर्म – सुखस्वरूप
  78. विष्वरूपः – विश्व का रूप
  79. महाहनुः – महान बलवान जबड़ा
  80. आदित्यः – अदिति के पुत्र
  81. ज्येष्ठः – सबसे श्रेष्ठ
  82. श्रेष्ठः – उत्कृष्टतम
  83. प्रजापतिः – प्रजा के रक्षक
  84. हिरण्यगर्भः – दिव्य ऊर्जा से युक्त
  85. शत्रुघ्नः – शत्रुओं का संहारक
  86. विभुः – सर्वव्यापक
  87. आत्मभूः – स्वयं उत्पन्न
  88. अनंतः – जिसका अंत नहीं
  89. अजोऽमर्त्यः – अजन्मा व अमर
  90. शिवः – कल्याणकारी
  91. विष्णुः – व्यापक देवता
  92. सुरेशः – देवताओं के अधिपति
  93. भूतवर्तमानभविष्यः – कालत्रय में विद्यमान
  94. ब्रह्मा – सृष्टिकर्ता
  95. विष्णुः – पालनकर्ता
  96. रुद्रः – संहारकर्ता
  97. पुरन्दरः – शत्रु दलन करने वाला
  98. नारायणः – सर्वव्यापक
  99. हृषीकेशः – इंद्रियों के स्वामी
  100. पद्मनाभः – नाभि से कमल उत्पन्न होने वाला
  1. ह्रषीकेशः – इन्द्रियों के अधिपति
  2. पद्मनाभः – जिनकी नाभि से कमल उत्पन्न हुआ
  3. अमरप्रभुः – अमरों के प्रभु
  4. विश्वकर्मा – सृष्टि के रचनाकार
  5. मनुः – मन के स्वामी
  6. त्वष्टा – सृजनकर्ता
  7. स्थविष्ठः – अचल, स्थिर
  8. स्थविरो ध्रुवः – सबसे प्राचीन और अचल
  9. अग्राह्यः – जिसे इंद्रियों से नहीं जाना जा सकता
  10. शाश्वतः – शाश्वत, सनातन
  11. कृष्णः – आकर्षक स्वरूप
  12. लोहिताक्षः – रक्तवर्ण नेत्रों वाले
  13. प्रतर्दनः – सर्वत्र व्याप्त
  14. प्रभूतः – अत्यंत शक्तिशाली
  15. त्रिककुब्धाम – तीनों लोकों में प्रतिष्ठित
  16. पावनः – पवित्र करने वाले
  17. अनलः – अग्निरूप
  18. कामहा – कामनाओं का संहारक
  19. कामकृद् – इच्छाओं को पूर्ण करने वाले
  20. कान्तः – अत्यंत मनोहर
  21. कामः – स्वयं प्रेम स्वरूप
  22. कामप्रदः – इच्छाएं पूर्ण करने वाले
  23. प्रभुः – सर्वशक्तिमान
  24. युगादिकृत् – युगों का आरंभ करने वाले
  25. युगावर्तः – युगों का परिवर्तन करने वाले
  26. नैकमायः – अनेक माया वाले
  27. महाशनः – सब कुछ निगल जाने वाले
  28. अणुः – अति सूक्ष्म
  29. बृहद्रूपः – विराट रूपधारी
  30. बृहन्मनाः – महान मन वाला
  31. बृहदात्मा – महान आत्मा
  32. बृहदश्रवाः – महान यशस्वी
  33. बहुश्रुतः – अत्यधिक ज्ञानी
  34. शिशिरः – शीतलता प्रदान करने वाले
  35. शर्वरीकरः – रात्रि को निर्मित करने वाले
  36. अक्रूरः – क्रूरता रहित
  37. पेशलः – कोमल स्वभाव वाले
  38. दक्षः – कुशल
  39. दक्षिणः – दक्षिण दिशा में स्थित या दानी
  40. क्षमिणां वरः – क्षमा करने वालों में श्रेष्ठ
  41. विद्वान् – समस्त ज्ञान रखने वाले
  42. अमेयात्मा – जिसकी आत्मा को मापा नहीं जा सकता
  43. महाद्रिधृत् – विशाल पर्वत को धारण करने वाले
  44. महेष्वासः – महान धनुर्धारी
  45. महीभर्ता – पृथ्वी के पालक
  46. श्रीनिवासः – लक्ष्मी के निवास
  47. सतां गतिः – सज्जनों की गति
  48. अनिरुद्धः – जिन्हें रोका न जा सके
  49. सुरानन्दः – देवताओं को आनंद देने वाले
  50. गोविन्दः – गो (पृथ्वी, इन्द्रियां, गायें) को जानने वाले
  51. गोविदां पति – ज्ञानियों के स्वामी
  52. मरीचिः – तेजोमय
  53. दमनः – सभी को नियंत्रित करने वाले
  54. हंसः – निर्मल आत्मा
  55. सुपर्णः – गरुड़ रूपधारी
  56. भुजगोत्तमः – सर्पों में श्रेष्ठ (अनंत)
  57. हिरण्यनाभः – स्वर्ण नाभि वाले
  58. सुतपाः – उत्तम तप करने वाले
  59. पद्मनाभः – नाभि से उत्पन्न कमल
  60. प्रजापतिः – समस्त प्रजा के अधिपति
  61. अमृत्युः – मृत्यु से रहित
  62. सर्वदृक् – सब कुछ देखने वाले
  63. सिम्हः – सिंह स्वरूप
  64. सन्धाता – सबका मेल कराने वाले
  65. सन्धिमान् – संबंधों को जानने वाले
  66. स्थिरः – अचल
  67. अजः – जन्म रहित
  68. दुर्मर्षणः – जिन्हें हराना कठिन है
  69. शास्ता – शास्त्रों के ज्ञाता
  70. विश्रुतात्मा – प्रसिद्ध आत्मा
  71. सुरारिहा – देवताओं के शत्रुओं का नाश करने वाले
  72. गुरु – आचार्य
  73. गुरुत्रमः – महानतम गुरु
  74. धर्मज्ञः – धर्म को जानने वाले
  75. सत्यसन्धः – सत्य प्रतिज्ञ
  76. दशार्हः – यदुवंश में जन्मे
  77. सात्वताम् पति – सात्वतों के स्वामी
  78. जीवः – चेतन आत्मा
  79. विनयिता साक्षी – विनयी गवाह
  80. मुक्तः – बंधन रहित
  81. सर्वदृक् – सर्वद्रष्टा
  82. व्यासः – वेदों के विभाजक
  83. वाचस्पतिः – वाणी के स्वामी
  84. अयोनिजः – स्त्री से जन्म न लेने वाले
  85. त्रिसामा – तीन प्रकार के सामवेद से युक्त
  86. सामगः – सामगान करने वाले
  87. सामः – सामवेद रूप
  88. निर्वाणम् – मोक्ष स्वरूप
  89. भेषजम् – रोग नाशक
  90. भिषक् – वैद्य स्वरूप
  91. संन्यासकृत् – संन्यास का प्रवर्तन करने वाले
  92. शमः – शांति स्वरूप
  93. शान्तिः – परम शांति
  94. परायणम् – परम गति
  95. शुभांगः – सुंदर अंगों वाले
  96. शान्तिदः – शांति देने वाले
  97. स्रष्टा – सृष्टिकर्ता
  98. कुमुदः – आनंद देने वाले
  99. कुन्दरः – सुंदर शरीर वाले
  100. कुन्दः – सफेद पुष्प स्वरूप
  1. कुन्दरः – सुंदर एवं पवित्र रूप
  2. कुन्दः – श्वेत कमल की तरह कोमल
  3. परजितः – समस्त शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाले
  4. पर्णः – पत्तों जैसे कोमल स्वभाव वाले
  5. अशनिः – वज्र समान शक्तिशाली
  6. शतगुणः – सैकड़ों गुणों से युक्त
  7. दुष्टः – दुष्टों का नाश करने वाले
  8. दोषहरः – दोषों को हरने वाले
  9. हरिः – संसार से मुक्त करने वाले
  10. शंकरः – कल्याणकारी
  11. शान्तरूपः – शांत स्वभाव वाले
  12. सौम्यः – सौम्यता से युक्त
  13. अमृतः – अमृतस्वरूप
  14. अपराजितः – जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता
  15. सर्वज्ञः – सर्वज्ञानी
  16. सर्वतोमुखः – सभी दिशाओं में मुख वाले
  17. सुलभः – सहज रूप से प्राप्त होने वाले
  18. सुव्रतः – उत्तम व्रतों के धारक
  19. सिद्धः – पूर्णत्व को प्राप्त
  20. शत्रुजित् – शत्रुओं को जीतने वाले
  21. शत्रुतापनः – शत्रुओं को जलाने वाले
  22. न्यग्रोधः – वटवृक्ष के समान छाया देने वाले
  23. उदुम्बरः – विशिष्ट वृक्ष के समान विस्तारयुक्त
  24. अश्वत्थः – संसार रूपी वृक्ष
  25. चाणूरान्ध्रनिषूदनः – चाणूर जैसे राक्षस का संहारक
  26. सहस्रार्चिः – सहस्र किरणों से प्रकाशित
  27. सप्तजिह्वः – सात जीभों वाले अग्निरूप
  28. सप्तवैः – सात रूपों में स्थित
  29. सप्तसंभवः – सात प्रकार के जन्मों वाले
  30. अमृतांशूद्भवः – अमृतांशु (चंद्रमा) से उत्पन्न
  31. सूर्यः – प्रकाश स्वरूप
  32. सुवर्णसंगः – स्वर्ण के समान देह वाले
  33. वरङ्गः – सुंदर अंगों वाले
  34. चन्दनाङ्गदिः – चन्दन व अङ्गद धारण करने वाले
  35. वीरहा – वीरों को हराने वाले
  36. विषमः – अद्वितीय
  37. शून्यः – निर्विकार, शून्य भाव
  38. ऋतसत्यः – सत्यधर्मी
  39. चलच्चलः – चर और अचर का स्वरूप
  40. अमानी – अभिमान रहित
  41. मानदः – सम्मान देने वाले
  42. मान्यः – पूजनीय
  43. लोकस्वामी – समस्त लोकों के स्वामी
  44. त्रिलोकधृत् – तीनों लोकों को धारण करने वाले
  45. सुमेधाः – उत्तम बुद्धि से युक्त
  46. मेधजः – मेधा से उत्पन्न
  47. धन्यः – धन्यत्व को प्राप्त
  48. सत्यमेधः – सत्य व मेधा से युक्त
  49. धर्मधृक् – धर्म को धारण करने वाले
  50. धुरीणः – भार उठाने वाले
  51. कर्मा – सभी कर्मों के कर्ता
  52. कर्मफलदः – कर्मों का फल देने वाले
  53. कर्मकृत् – कर्मों का करने वाले
  54. सर्वेश्वरः – सबके ईश्वर
  55. महाह्रदः – विशाल जलराशि जैसे गम्भीर
  56. महागर्तः – अति गम्भीर गर्त
  57. महाभूतः – महान तत्त्व
  58. महानिधिः – महान निधि
  59. कुमुदः – आनंद देने वाले
  60. कुन्दरः – सुंदर रूप धारी
  61. कुन्दः – श्वेत कमल के समान
  62. परजितः – शत्रुओं को जीतने वाले
  63. परंधामः – परम धाम
  64. पराकाशः – परम आकाश
  65. महतपाः – महान तपस्वी
  66. सर्वगः – सर्वत्र व्याप्त
  67. सर्वविद्भानुः – सभी विद्याओं के ज्ञाता
  68. विष्वक्सेनः – विष्वक (विश्व) की सेना के स्वामी
  69. जनार्दनः – जनसमूह को आनंद देने वाले
  70. वेदः – वेदस्वरूप
  71. वेदविदः – वेदों को जानने वाले
  72. अव्यंगः – निर्दोष
  73. वेदाङ्गः – वेद के अंग
  74. वेदवित् – वेदों के ज्ञाता
  75. कविः – सर्वज्ञ
  76. लोकाध्यक्षः – लोकों के अधिपति
  77. सुराध्यक्षः – देवताओं के स्वामी
  78. धर्माध्यक्षः – धर्म के अधिपति
  79. कृतकृत्यः – सभी कार्य पूर्ण करने वाले
  80. चतुरात्मा – चार प्रकार के आत्मा वाले
  81. चतुरव्यूहः – चार व्यूहों में स्थित
  82. चतुर्दंष्ट्रः – चार दाँतों वाले
  83. चतुर्भुजः – चार भुजाओं वाले
  84. भ्राजिष्णुः – तेजस्वी
  85. भोज्यः – भोग्य स्वरूप
  86. भोक्ता – भोग करने वाले
  87. सहिष्णुः – सहनशील
  88. जगदादिजः – जगत् से पूर्व विद्यमान
  89. अनघः – पाप रहित
  90. विजयः – विजेता
  91. जेताः – विजयी करने वाले
  92. विश्वयोनिः – समस्त सृष्टि के कारण
  93. पुण्यकीर्तनः – जिनका नाम लेना पुण्यदायक हो
  94. अनामयः – रोग रहित
  95. मनोजवः – मन के समान तीव्र गति वाले
  96. तीर्थकरः – तीर्थों के सृजनकर्ता
  97. वसुरेताः – दिव्य तेज से उत्पन्न
  98. वसुप्रदः – धन देने वाले
  99. वासुप्रदः – वास प्रदान करने वाले
  100. वासुदेवः – वासुदेव के पुत्र, सर्वव्यापक
  101. वासुदेवः – वासुदेव के पुत्र, सर्वव्यापक
  102. बृहद्भानुः – महान प्रकाश से युक्त
  103. आदिदेवः – सबसे पहले उत्पन्न देवता
  104. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठतम पुरुष
  105. अच्युतः – जो कभी न गिरने वाला
  106. अनन्तः – जिसका कोई अंत नहीं
  107. गोविन्दः – गो (गाय, इन्द्रियां, पृथ्वी) को जानने वाला
  108. माधवः – लक्ष्मी के स्वामी
  109. मधुसूदनः – मधु नामक दैत्य का संहार करने वाले
  110. ईश्वरोपि – परम ईश्वर
  111. विक्रमी – शक्तिशाली पराक्रमी
  112. धन्वी – धनुषधारी
  113. मेधावी – बुद्धिमान
  114. विक्रमः – पराक्रम
  115. क्रमतः – क्रम का पालन करने वाला
  116. अनुत्तमः – जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता
  117. दुराधर्षः – जिसे जीतना अत्यंत कठिन है
  118. कृतज्ञः – कृतज्ञता रखने वाला
  119. कृतिः – कर्मों का फल
  120. आत्मवान् – आत्मस्वरूप
  121. सुरेशः – देवताओं के स्वामी
  122. शरणं – शरणदाता
  123. शर्म – आनंददाता
  124. विष्वरेता – सम्पूर्ण जगत के कारण
  125. प्रजाभवः – प्रजाओं का उत्पत्ति स्थान
  126. अहः – दिन का स्वरूप
  127. संवत्सरः – वर्ष स्वरूप
  128. व्यालः – सर्प के समान बलशाली
  129. प्रत्ययः – निश्चित रूप
  130. सर्वदर्शनः – सबको देखने वाला
  131. अजयः – जिसे कोई जीत न सके
  132. सर्वेश्वरः – सबका ईश्वर
  133. सिद्धः – सिद्ध अवस्था प्राप्त
  134. सिद्धिः – सिद्धि देने वाला
  135. सर्वादिः – सबका आदि
  136. अच्युतः – अविनाशी
  137. वृषाकपिः – धर्मरूपी कपि
  138. अमेयात्मा – जिसका माप नहीं किया जा सकता
  139. सर्वयोगविनिः – समस्त योगों के ज्ञाता
  140. वसुर्वसुमनाः – शुभ वाणी वाला
  141. सत्यः – सत्य स्वरूप
  142. समात्मा – सबमें समान आत्मा
  143. समधिः – समता का भाव
  144. समः – समभाव रखने वाला
  145. अमोघः – जिसका कोई कार्य व्यर्थ नहीं जाता
  146. पुण्डरीकाक्षः – कमलनयन
  147. वृषकर्मा – धर्ममय कर्मों वाला
  148. वृषाकृतिः – धर्म का स्वरूप
  149. रुद्रः – रुदन करने वाला, शिवस्वरूप
  150. बहुशिराः – अनेक सिरों वाला
  151. बभ्रुः – ब्रह्मांड को धारण करने वाला
  152. विश्वयोनिः – सम्पूर्ण सृष्टि का कारण
  153. शुचिश्रवाः – पवित्र कीर्ति वाला
  154. अमृतः – अमृतस्वरूप
  155. शाश्वतःस्थाणुः – नित्य एवं अचल
  156. वरारोहो – श्रेष्ठ आरोहण
  157. महामनाः – विशाल मन वाला
  158. लोकेश्वरः – समस्त लोकों का ईश्वर
  159. महादृष्टिः – महान दृष्टि वाला
  160. लोकसाक्षी – समस्त लोकों का साक्षी
  161. सूक्ष्मः – सूक्ष्म रूप में विद्यमान
  162. सच्च – सत और असत से परे
  163. अकिञ्चनः – जिसके पास कुछ भी नहीं फिर भी सब कुछ
  164. श्रीविभवः – श्री (लक्ष्मी) से युक्त
  165. श्रीधरः – श्री को धारण करने वाला
  166. श्रीनाथः – श्री का स्वामी
  167. श्रीमतां वरः – श्रीयुक्तों में श्रेष्ठ
  168. श्रीदः – श्री देने वाला
  169. श्रीशः – श्री के स्वामी
  170. श्रीनिवासः – जहाँ श्री का वास हो
  171. श्रीनिधिः – श्री का भंडार
  172. श्रीविभावनः – श्री को उत्पन्न करने वाला
  173. श्रीधरः – श्री को धारण करने वाला
  174. श्रीकरः – श्री को प्रदान करने वाला
  175. श्रेयः – परम कल्याण
  176. श्रीमन् – लक्ष्मीपति
  177. लोकत्रयाश्रयः – तीनों लोकों का आश्रय
  178. स्वक्षः – सुंदर नेत्र वाला
  179. स्वङ्गः – सुंदर अंगों वाला
  180. शतानन्दः – अनंत आनंद स्वरूप
  181. नन्दिः – आनंद प्रदान करने वाला
  182. ज्योतिरग्निः – प्रकाशमय अग्नि
  183. निर्ञनः – पापरहित
  184. क्षेमः – कल्याण स्वरूप
  185. निधिः – निधिरूप
  186. अशोकः – शोक रहित
  187. शोकनाशनः – शोक को नष्ट करने वाला
  188. अर्चिष्मान् – तेजस्वी
  189. अर्चितः – पूजित
  190. कुंभः – कुंभ रूप
  191. विषुद्धात्मा – शुद्ध आत्मा
  192. विषोधनः – शुद्ध करने वाला
  193. अनिरुद्धः – जिसे कोई रोक नहीं सकता
  194. अप्रतिरथः – जिसका कोई मुकाबला नहीं
  195. प्रद्युम्नः – श्रीकृष्ण के पुत्र
  196. अमितविक्रमः – असीम पराक्रमी
  197. कालनेमिनिहा – कालनेमि दैत्य का संहारक
  198. वीरः – वीर
  199. शौरिः – शूरवीर
  200. असोकः – शोक रहित
  201. तारणः – पार लगाने वाले
  202. तारः – तारने वाले
  203. सुरः – देवता
  204. शौरिः – शूरवीर
  205. जनेश्वरः – प्राणियों का ईश्वर
  206. अनुकूलः – कृपालु
  207. शतवृतः – अनेक व्रतों वाला
  208. शान्तः – शांत चित्त वाला
  209. निष्ठा – आधार
  210. शान्तिः – शांत रूप
  211. परायणम् – परम गति
  212. शुभाङ्गः – सुंदर अंगों वाला
  213. शान्तिदः – शांति देने वाला
  214. स्रष्टा – सृष्टिकर्ता
  215. कुमुदः – आनंद देने वाला
  216. कुन्दरः – सुंदरता का स्वरूप
  217. कुन्दः – कुंद पुष्प के समान
  218. परजितः – शत्रुओं को जीतने वाला
  219. परंधामः – परम धाम
  220. पराकाशः – परम आकाश
  221. महातपाः – महान तपस्वी
  222. सर्वगः – सर्वव्यापक
  223. सर्वविद्भानुः – सब कुछ जानने वाला
  224. विष्वक्सेनः – सम्पूर्ण सेना का स्वामी
  225. जनार्दनः – प्राणियों को आनंद देने वाला
  226. वेदः – वेदस्वरूप
  227. वेदविदः – वेदों के ज्ञाता
  228. अव्यङ्गः – दोषरहित
  229. वेदाङ्गः – वेदों के अंग
  230. वेदवित् – वेदों का ज्ञाता
  231. कविः – सर्वज्ञानी
  232. लोकाध्यक्षः – समस्त लोकों का अध्यक्ष
  233. सुराध्यक्षः – देवताओं का अध्यक्ष
  234. धर्माध्यक्षः – धर्म का प्रधान
  235. कृतकृत्यः – जिसने अपने सभी कर्तव्य निभा लिए हैं
  236. चतुरात्मा – चतुर्भुज रूपी आत्मा
  237. चतुरव्यूहः – चार व्यूहों में स्थित
  238. चतुर्दंष्ट्रः – चार दांतों वाला
  239. चतुर्भुजः – चार भुजाओं वाला
  240. भ्राजिष्णुः – तेजस्वी
  241. भोज्यः – जिसे भोग किया जा सके
  242. भोक्ता – भोग करने वाला
  243. सहिष्णुः – सहनशील
  244. जगदादिजः – जगत का आदि कारण
  245. अनघः – निष्पाप
  246. विजयः – विजेता
  247. जेताः – जितने वाला
  248. विश्वयोनिः – सृष्टि का आधार
  249. पुण्यकीर्तनः – पुण्य प्रदान करने वाला कीर्तन
  250. अनामयः – रोग रहित
  251. मनोजवः – मन की गति से भी तीव्र
  252. तीर्थकरः – तीर्थों के संस्थापक
  253. वसुरेताः – अमूल्य तेज वाले
  254. वसुप्रदः – धन प्रदान करने वाला
  255. वासुप्रदः – निवास देने वाला
  256. वासुदेवः – वासुदेव के पुत्र
  257. बृहद्भानुः – महान तेज वाला
  258. आदिदेवः – आदि देवता
  259. पुरुषोत्तमः – पुरुषों में श्रेष्ठतम
  260. अच्युतः – जो कभी न गिरे
  261. अनन्तः – जिसका कोई अंत न हो
  262. गोविन्दः – इन्द्रियों को नियंत्रित करने वाला
  263. माधवः – लक्ष्मी का स्वामी
  264. मधुसूदनः – मधु नामक दैत्य का संहारक
  265. ईश्वरोपि – ईश्वर रूप
  266. विक्रमी – पराक्रमी
  267. धन्वी – धनुषधारी
  268. मेधावी – बुद्धिमान
  269. विक्रमः – पराक्रम
  270. क्रमतः – क्रम से चलने वाला
  271. अनुत्तमः – सर्वोत्तम
  272. दुराधर्षः – जिसे जीता न जा सके
  273. कृतज्ञः – कृतज्ञ भाव वाला
  274. कृतिः – कर्म
  275. आत्मवान् – आत्मसिद्ध पुरुष
  276. सुरेशः – देवों के स्वामी
  277. शरणं – शरणदाता
  278. शर्म – सुख
  279. विष्वरेता – सृष्टि का बीज
  280. प्रजाभवः – प्रजा उत्पन्न करने वाला
  281. अहः – दिन का रूप
  282. संवत्सरः – काल
  283. व्यालः – सर्प रूप
  284. प्रत्ययः – निश्चय स्वरूप
  285. सर्वदर्शनः – सबको देखने वाला
  286. अजयः – जिसे जीता न जा सके
  287. सर्वेश्वरः – सभी का ईश्वर
  288. सिद्धः – सिद्ध रूप
  289. सिद्धिः – सिद्धि देने वाला
  290. सर्वादिः – सभी का आदि
  291. अच्युतः – अविनाशी
  292. वृषाकपिः – धर्मस्वरूप कपि
  293. अमेयात्मा – जिसकी आत्मा मापी न जा सके
  294. सर्वयोगविनिः – योगों का जानकार
  295. वसुर्वसुमनाः – प्रिय वाणी वाला
  296. सत्यः – सत्य रूप
  297. समात्मा – सबमें सम भाव रखने वाला
  298. समधिः – समाधि रूप
  299. समः – सम भाव रखने वाला
  300. अमोघः – जिसका कोई कार्य व्यर्थ न जाए
  301. पुण्डरीकाक्षः – कमल नेत्र वाला
  302. वृषकर्मा – धर्म रूप कर्म करने वाला
  303. वृषाकृतिः – धर्मस्वरूप
  304. रुद्रः – रुदन करने वाला
  305. बहुशिराः – अनेक सिर वाला
  306. बभ्रुः – धारण करने वाला
  307. विश्वयोनिः – सम्पूर्ण जगत का कारण
  308. शुचिश्रवाः – पवित्र यश वाला
  309. अमृतः – अमर
  310. शाश्वतःस्थाणुः – स्थायी और अचल
  311. वरारोहो – श्रेष्ठ आरोहण
  312. महामनाः – महान मन वाला
  313. लोकेश्वरः – लोकों का स्वामी
  314. महादृष्टिः – महान दृष्टि
  315. लोकसाक्षी – लोकों का साक्षी
  316. सूक्ष्मः – सूक्ष्म रूप में विद्यमान
  317. सच्च – सत और असत से परे
  318. अकिञ्चनः – जिसके पास कुछ नहीं फिर भी सब कुछ है
  319. श्रीविभवः – श्रीयुक्त
  320. श्रीधरः – लक्ष्मी को धारण करने वाला
  321. श्रीनाथः – लक्ष्मीपति
  322. श्रीमतां वरः – श्रीसम्पन्नों में श्रेष्ठ
  323. श्रीदः – श्री देने वाला
  324. श्रीशः – श्री का ईश्वर
  325. श्रीनिवासः – श्री का निवास
  326. श्रीनिधिः – श्री का भंडार
  327. श्रीविभावनः – श्री को बढ़ाने वाला
  328. श्रीधरः – श्री को धारण करने वाला
  329. श्रीकरः – श्री देने वाला
  330. श्रेयः – श्रेष्ठता देने वाला
  331. श्रीमन् – श्रीयुक्त
  332. लोकत्रयाश्रयः – तीनों लोकों का आधार
  333. स्वक्षः – सुंदर नेत्रों वाला
  334. स्वङ्गः – सुंदर अंगों वाला
  335. शतानन्दः – अनेक आनंदों वाला
  336. नन्दिः – आनंददायक
  337. ज्योतिरग्निः – प्रकाश रूप अग्नि
  338. निर्ञनः – दोष रहित
  339. क्षेमः – कल्याणकारी
  340. निधिः – निधिरूप
  341. अशोकः – शोक रहित
  342. शोकनाशनः – शोक को हरने वाला
  343. अर्चिष्मान् – तेज युक्त
  344. अर्चितः – पूजित
  345. कुंभः – घट रूप
  346. विषुद्धात्मा – निर्मल आत्मा
  347. विषोधनः – शुद्ध करने वाला
  348. अनिरुद्धः – जिसे कोई रोक न सके
  349. अप्रतिरथः – जिसका कोई मुकाबला नहीं
  350. प्रद्युम्नः – श्रीकृष्ण का पुत्र
  351. अमितविक्रमः – असीम पराक्रमी
  352. कालनेमिनिहा – कालनेमि दैत्य का संहारक
  353. वीरः – पराक्रमी
  354. शौरिः – वीरता संपन्न
  355. शूरजनप्रियः – वीरों के प्रिय
  356. जनः – प्राणियों का जन्मदाता
  357. जनितः – उत्पत्ति करने वाला
  358. जन्मा – जन्म देने वाला
  359. अजयः – जिसे कोई न हरा सके
  360. अजिनिः – जो सदा विजयी रहे
  361. महाशक्तिः – महान शक्ति
  362. शान्तः – शांत भाव वाला
  363. निष्ठा – आधार
  364. शान्तिः – शांति रूप
  365. परायणम् – परम लक्ष्य
  366. शुभाङ्गः – शुभ अंगों वाला
  367. शान्तिदः – शांति देने वाला
  368. स्रष्टा – सृष्टि करने वाला
  369. कुमुदः – आनंद प्रदान करने वाला
  370. कुन्दरः – सुंदरता से युक्त
  371. कुन्दः – श्वेत पुष्प समान
  372. परजितः – सभी को जीतने वाला
  373. परंधामः – परम धाम
  374. पराकाशः – परम आकाश
  375. महातपाः – महान तप करने वाला
  376. सर्वगः – सबमें व्याप्त
  377. सर्वविद्भानुः – सब ज्ञान से युक्त
  378. विष्वक्सेनः – विष्व की सेना के नायक
  379. जनार्दनः – प्राणियों को आनंद देने वाला
  380. वेदः – वेद स्वरूप
  381. वेदविदः – वेदों के ज्ञाता
  382. अव्यङ्गः – दोषरहित
  383. वेदाङ्गः – वेदों का अंग
  384. वेदवित् – वेदों का जानकार
  385. कविः – सर्वज्ञ
  386. लोकाध्यक्षः – लोकों का अध्यक्ष
  387. सुराध्यक्षः – देवों का स्वामी
  388. धर्माध्यक्षः – धर्म का अधिपति
  389. कृतकृत्यः – जिसने अपने कार्य पूरे किए
  390. चतुरात्मा – चतुर आत्मा
  391. चतुरव्यूहः – चार व्यूहों में स्थित
  392. चतुर्दंष्ट्रः – चार दांतों वाला
  393. चतुर्भुजः – चार भुजाओं वाला
  394. भ्राजिष्णुः – तेजस्वी
  395. भोज्यः – भोग करने योग्य
  396. भोक्ता – भोग करने वाला
  397. सहिष्णुः – सहनशील
  398. जगदादिजः – जगत का आदि कारण
  399. अनघः – निष्पाप
  400. विजितात्मा – जिसने आत्मा को जीता है
  401. सर्वज्ञः – जो सब कुछ जानता है
  402. वज्र – कठोर
  403. विश्वधारणः – विश्व को धारण करने वाला
  404. अनन्तरूपः – अनेक रूपों वाला
  405. ब्रह्मण्यः – ब्रह्मणों को प्रिय
  406. ब्रह्मकृत् – ब्रह्मा को बनाने वाला
  407. ब्रह्मा – सृजनकर्ता
  408. ब्रह्मविवर्धनः – ब्रह्मा को बढ़ाने वाला
  409. ब्राह्मणः – ब्रह्म का ज्ञाता
  410. ब्रह्मज्ञः – ब्रह्म को जानने वाला
  411. ब्राह्मणप्रियः – ब्राह्मणों को प्रिय
  412. महाक्रमः – महान गति वाला
  413. महाकर्मा – महान कर्म वाला
  414. महातेजाः – महान तेज वाला
  415. महोत्तमः – श्रेष्ठतम
  416. स्थविष्ठः – सबसे स्थिर
  417. स्थविरो ध्रुवः – प्राचीन और अचल
  418. अग्रह्यः – जिसे समझा न जा सके
  419. शाश्वतः – सदा रहने वाला
  420. कृष्णः – कृष्ण स्वरूप
  421. लोहिताक्षः – लाल नेत्रों वाला
  422. प्रतर्दनः – विनाश करने वाला
  423. प्रभूतः – अत्यंत शक्तिशाली
  424. त्रिककुब्धामः – तीनों लोकों का स्वामी
  425. पवित्रम् – शुद्ध रूप
  426. मंगलानां च मंगलम् – सभी मांगलिकों में श्रेष्ठ
  427. परमं ब्रह्म – परम ब्रह्म
  428. परमं धाम – परम धाम
  429. पवित्राणां पवित्रम् – शुद्धतम
  430. मङ्गलं मङ्गलानाम् – शुभतम शुभ
  431. दैवतं देवतानाम् – देवताओं का देवता
  432. यतिः – संयमी
  433. योगी – योगी स्वरूप
  434. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  435. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के ईश्वर
  436. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूप
  437. श्रीमान् – श्री युक्त
  438. केशवः – केश युक्त, श्री कृष्ण
  439. पुरुषोत्तमः – पुरुषों में श्रेष्ठ
  440. सर्वः – सब कुछ
  441. शर्वः – संहारक
  442. शिवः – कल्याणकारी
  443. स्थाणुः – अचल
  444. भूताादिः – समस्त भूतों का आदि
  445. अव्ययः – अक्षय
  446. पुरुषः – परमात्मा
  447. साक्षी – साक्षी भाव से स्थित
  448. क्षेत्रज्ञः – शरीर में स्थित आत्मा
  449. अक्षरः – अविनाशी
  450. योगः – योग स्वरूप
  451. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  452. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के स्वामी
  453. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  454. श्रीमान् – श्री युक्त
  455. केशवः – कमलों के केश युक्त
  456. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठतम पुरुष
  457. सर्वः – सभी
  458. शर्वः – संहारक
  459. शिवः – कल्याण रूप
  460. स्थाणुः – अचल
  461. भूताादिः – भूतों का आदि
  462. अव्ययः – अविनाशी
  463. पुराणः – पुरातन
  464. पुरुषः – आत्मा
  465. साक्षी – सबका साक्षी
  466. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  467. अक्षरः – अक्षय
  468. योगः – योगस्वरूप
  469. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  470. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के ईश्वर
  471. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  472. श्रीमान् – लक्ष्मीपति
  473. केशवः – केशव नामक
  474. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  475. सर्वः – सब
  476. शर्वः – शिव
  477. शिवः – कल्याण
  478. स्थाणुः – अचल
  479. भूताादिः – प्रारंभ
  480. अव्ययः – विनाशी रहित
  481. पुरुषः – आत्मा
  482. साक्षी – साक्ष्य रूप
  483. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  484. अक्षरः – जो कभी न समाप्त हो
  485. योगः – योग का स्वरूप
  486. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  487. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति पुरुष के ईश्वर
  488. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  489. श्रीमान् – श्री युक्त
  490. केशवः – श्रीकृष्ण
  491. पुरुषोत्तमः – सर्वश्रेष्ठ पुरुष
  492. सर्वः – सभी में व्याप्त
  493. शर्वः – शिव रूपी
  494. शिवः – मंगलमय
  495. स्थाणुः – स्थिर
  496. भूताादिः – भूतों के आदि
  497. अव्ययः – नाश रहित
  498. पुरुषः – पुरुषोत्तम
  499. साक्षी – साक्षी भाव से स्थित
  500. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  501. अक्षरः – जो कभी न समाप्त हो
  502. योगः – योग स्वरूप
  503. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  504. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रमुख पुरुष के ईश्वर
  505. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  506. श्रीमान् – लक्ष्मी युक्त
  507. केशवः – केशव
  508. पुरुषोत्तमः – पुरुषों में श्रेष्ठ
  509. सर्वः – सब कुछ
  510. शर्वः – शिव
  511. शिवः – कल्याण स्वरूप
  512. स्थाणुः – अचल
  513. भूताादिः – समस्त भूतों का आदि
  514. अव्ययः – अविनाशी
  515. पुरुषः – आत्मा
  516. साक्षी – साक्षी रूप
  517. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  518. अक्षरः – नाश रहित
  519. योगः – योग स्वरूप
  520. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  521. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के स्वामी
  522. नारसिंहवपुः – नरसिंह स्वरूप
  523. श्रीमान् – श्रीयुक्त
  524. केशवः – श्रीकृष्ण
  525. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  526. सर्वः – सभी रूप
  527. शर्वः – संहारक
  528. शिवः – कल्याणस्वरूप
  529. स्थाणुः – अचल
  530. भूताादिः – भूतों का आदि
  531. अव्ययः – नाश रहित
  532. पुरुषः – आत्मा
  533. साक्षी – साक्ष्य रूप
  534. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  535. अक्षरः – नाश रहित
  536. योगः – योग स्वरूप
  537. योगविदां नेता – योगियों के मार्गदर्शक
  538. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के स्वामी
  539. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  540. श्रीमान् – श्री युक्त
  541. केशवः – केश युक्त
  542. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठतम पुरुष
  543. सर्वः – सर्व व्यापी
  544. शर्वः – संहार स्वरूप
  545. शिवः – कल्याणकारी
  546. स्थाणुः – स्थिर
  547. भूताादिः – भूतों का आदि
  548. अव्ययः – अविनाशी
  549. पुरुषः – आत्मा
  550. साक्षी – सबका साक्षी
  551. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  552. अक्षरः – नाश रहित
  553. योगः – योग स्वरूप
  554. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  555. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के स्वामी
  556. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  557. श्रीमान् – श्री से युक्त
  558. केशवः – केशव
  559. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  560. सर्वः – सब कुछ
  561. शर्वः – शिव
  562. शिवः – शुभ
  563. स्थाणुः – अचल
  564. भूताादिः – भूतों का आदि
  565. अव्ययः – नाश रहित
  566. पुरुषः – आत्मा
  567. साक्षी – साक्ष्य
  568. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  569. अक्षरः – अविनाशी
  570. योगः – योगस्वरूप
  571. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  572. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के ईश्वर
  573. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  574. श्रीमान् – लक्ष्मीपति
  575. केशवः – श्रीकृष्ण
  576. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  577. सर्वः – सब कुछ
  578. शर्वः – संहारक
  579. शिवः – कल्याण स्वरूप
  580. स्थाणुः – अचल
  581. भूताादिः – भूतों का आदि
  582. अव्ययः – अविनाशी
  583. पुरुषः – आत्मा
  584. साक्षी – साक्ष्य भाव
  585. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  586. अक्षरः – अविनाशी
  587. योगः – योग स्वरूप
  588. योगविदां नेता – योगियों के मार्गदर्शक
  589. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष का स्वामी
  590. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  591. श्रीमान् – श्री से युक्त
  592. केशवः – केशव
  593. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  594. सर्वः – सब कुछ
  595. शर्वः – शिव रूपी
  596. शिवः – कल्याणकारी
  597. स्थाणुः – अचल
  598. भूताादिः – भूतों का आदि
  599. अव्ययः – नाश रहित
  600. विश्वमूर्तिः – सम्पूर्ण सृष्टि जिनका रूप है
  601. महामूर्तिः – महान रूप वाले
  602. दीप्तमूर्तिः – प्रकाशमान स्वरूप
  603. अमूर्तिमान् – निराकार
  604. अनेकमूर्तिः – अनेक रूप वाले
  605. अव्यक्तः – प्रकट न होने वाले
  606. शतमूर्तिः – सौ रूपों वाले
  607. शताननः – सौ मुख वाले
  608. एकः – एकमात्र
  609. नैकः – अनेक रूप वाले
  610. सवः – यज्ञस्वरूप
  611. कः – ब्रह्मस्वरूप
  612. किः – सर्वज्ञ
  613. यः – परमात्मा
  614. वै – निश्चय
  615. शाश्वतः – नित्य
  616. कालः – समय
  617. अनर्द्धिः – पूर्णता से रहित नहीं
  618. भूतः – अतीत
  619. भविष्यत् – भविष्य
  620. वर्तमानः – वर्तमान
  621. भूतकृत् – भूतों के कर्ता
  622. भूतभृत्त् – भूतों का भरण-पोषण करने वाले
  623. भावः – सच्चिदानंदस्वरूप
  624. भूतात्मा – समस्त जीवों के आत्मा
  625. भूतभावनः – समस्त जीवों की रक्षा करने वाले
  626. पूतः – पवित्र
  627. पूर्णः – पूर्ण रूप से युक्त
  628. अनघः – पापरहित
  629. अज्ञः – सर्वज्ञ
  630. न ऐकः – दो नहीं, अद्वितीय
  631. मनुः – मनस्वी
  632. तु – निश्चय
  633. स्वयंभूः – स्वयं प्रकट हुए
  634. शंभुः – मंगलदाता
  635. आदित्यः – आदित्य वंश में
  636. पुष्कराक्षः – कमल नेत्र
  637. महा स्वनः – महान नादस्वरूप
  638. अनादिनिधनः – जिसका न आदि है न अंत
  639. धाता – धारणकर्ता
  640. विधाता – नियामक
  641. धातुरुत्तमः – श्रेष्ठतम धारणकर्ता
  642. अप्रमेयः – जिसकी माप नहीं की जा सकती
  643. ऋषिकेशः – इन्द्रियों के स्वामी
  644. पद्मनाभः – नाभि में कमल वाले
  645. अमरप्रभुः – अमरों के प्रभु
  646. विश्वकर्मा – सृष्टिकर्ता
  647. मनु – मननशील
  648. त्वष्टा – आकार देने वाले
  649. स्थविष्ठः – अचल, स्थिर
  650. स्थविरो ध्रुवः – सदा रहने वाले
  651. अग्रह्यः – जिसे समझा न जा सके
  652. शाश्वतः – सदा रहने वाला
  653. कृष्णः – कृष्ण स्वरूप
  654. लोहिताक्षः – लाल नेत्रों वाले
  655. प्रतर्दनः – विनाश करने वाले
  656. प्रभूतः – अत्यंत शक्तिशाली
  657. त्रिककुब्धामः – तीनों लोकों का स्वामी
  658. पवित्रम् – शुद्ध रूप
  659. मङ्गलानां च मङ्गलम् – सभी मांगलिकों में श्रेष्ठ
  660. परमं ब्रह्म – परम ब्रह्म
  661. परमं धाम – परम धाम
  662. पवित्राणां पवित्रम् – शुद्धतम
  663. मङ्गलं मङ्गलानाम् – शुभतम शुभ
  664. दैवतं देवतानाम् – देवताओं का देवता
  665. यतिः – संयमी
  666. योगी – योगी स्वरूप
  667. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  668. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के ईश्वर
  669. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूप
  670. श्रीमान् – श्री युक्त
  671. केशवः – केश युक्त, श्री कृष्ण
  672. पुरुषोत्तमः – पुरुषों में श्रेष्ठ
  673. सर्वः – सब कुछ
  674. शर्वः – संहारक
  675. शिवः – कल्याणकारी
  676. स्थाणुः – अचल
  677. भूताादिः – समस्त भूतों का आदि
  678. अव्ययः – अक्षय
  679. पुरुषः – परमात्मा
  680. साक्षी – साक्षी भाव से स्थित
  681. क्षेत्रज्ञः – शरीर में स्थित आत्मा
  682. अक्षरः – अविनाशी
  683. योगः – योग स्वरूप
  684. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  685. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के स्वामी
  686. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  687. श्रीमान् – श्री युक्त
  688. केशवः – कमलों के केश युक्त
  689. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठतम पुरुष
  690. सर्वः – सभी
  691. शर्वः – संहारक
  692. शिवः – कल्याण रूप
  693. स्थाणुः – अचल
  694. भूताादिः – भूतों का आदि
  695. अव्ययः – अविनाशी
  696. पुराणः – पुरातन
  697. पुरुषः – आत्मा
  698. साक्षी – सबका साक्षी
  699. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  700. अक्षरः – अक्षय
  701. योगः – योगस्वरूप
  702. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  703. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के ईश्वर
  704. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  705. श्रीमान् – लक्ष्मीपति
  706. केशवः – केशव नामक
  707. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  708. सर्वः – सब
  709. शर्वः – शिव
  710. शिवः – कल्याण
  711. स्थाणुः – अचल
  712. भूताादिः – प्रारंभ
  713. अव्ययः – विनाशी रहित
  714. पुरुषः – आत्मा
  715. साक्षी – साक्ष्य रूप
  716. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  717. अक्षरः – जो कभी न समाप्त हो
  718. योगः – योग का स्वरूप
  719. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  720. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति पुरुष के ईश्वर
  721. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  722. श्रीमान् – श्री युक्त
  723. केशवः – श्रीकृष्ण
  724. पुरुषोत्तमः – सर्वश्रेष्ठ पुरुष
  725. सर्वः – सभी में व्याप्त
  726. शर्वः – शिव रूपी
  727. शिवः – मंगलमय
  728. स्थाणुः – स्थिर
  729. भूताादिः – भूतों के आदि
  730. अव्ययः – नाश रहित
  731. पुरुषः – पुरुषोत्तम
  732. साक्षी – साक्षी भाव से स्थित
  733. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  734. अक्षरः – जो कभी न समाप्त हो
  735. योगः – योग स्वरूप
  736. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  737. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रमुख पुरुष के ईश्वर
  738. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  739. श्रीमान् – लक्ष्मी युक्त
  740. केशवः – केशव
  741. पुरुषोत्तमः – पुरुषों में श्रेष्ठ
  742. सर्वः – सब कुछ
  743. शर्वः – शिव
  744. शिवः – कल्याण स्वरूप
  745. स्थाणुः – अचल
  746. भूताादिः – समस्त भूतों का आदि
  747. अव्ययः – अविनाशी
  748. पुरुषः – आत्मा
  749. साक्षी – साक्षी रूप
  750. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  751. अक्षरः – नाश रहित
  752. योगः – योग स्वरूप
  753. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  754. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रकृति और पुरुष के स्वामी
  755. नारसिंहवपुः – नरसिंह स्वरूप
  756. श्रीमान् – श्रीयुक्त
  757. केशवः – श्रीकृष्ण
  758. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  759. सर्वः – सभी रूप
  760. शर्वः – संहारक
  761. शिवः – कल्याणस्वरूप
  762. स्थाणुः – अचल
  763. भूताादिः – भूतों का आदि
  764. अव्ययः – नाश रहित
  765. पुरुषः – आत्मा
  766. साक्षी – साक्ष्य रूप
  767. क्षेत्रज्ञः – शरीर का ज्ञाता
  768. अक्षरः – नाश रहित
  769. योगः – योग स्वरूप
  770. योगविदां नेता – योगियों के मार्गदर्शक
  771. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के स्वामी
  772. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  773. श्रीमान् – श्री युक्त
  774. केशवः – केश युक्त
  775. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठतम पुरुष
  776. सर्वः – सर्व व्यापी
  777. शर्वः – संहार स्वरूप
  778. शिवः – कल्याणकारी
  779. स्थाणुः – स्थिर
  780. भूताादिः – भूतों का आदि
  781. अव्ययः – अविनाशी
  782. पुरुषः – आत्मा
  783. साक्षी – सबका साक्षी
  784. क्षेत्रज्ञः – क्षेत्र का ज्ञाता
  785. अक्षरः – नाश रहित
  786. योगः – योग स्वरूप
  787. योगविदां नेता – योगियों के नेता
  788. प्रधानपुरुषेश्वरः – प्रधान पुरुष के स्वामी
  789. नारसिंहवपुः – नरसिंह रूपधारी
  790. श्रीमान् – श्री से युक्त
  791. केशवः – केशव
  792. पुरुषोत्तमः – श्रेष्ठ पुरुष
  793. सर्वः – सब कुछ
  794. शर्वः – शिव रूपी
  795. शिवः – कल्याणकारी
  796. स्थाणुः – अचल
  797. भूताादिः – भूतों का आदि
  798. अव्ययः – अविनाशी
  799. पुरुषः – आत्मा
  800. साक्षी – साक्ष्य भाव

श्रीगणेशाय नमः
अथ श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्

ॐ शुक्लांबरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये॥

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

श्रीवैशम्पायन उवाच:
श्रुत्वा धर्मानशेषेण पावनानि च सर्वशः।
युधिष्ठिरः शान्तनवं पुनरेवाभ्यभाषत॥

किमेकं दैवतं लोके किं वाप्येकं परायणम्।
स्तुवन्तः किं कमर्चन्तः प्राप्नुयुर्मानवाः शुभम्॥

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

भीष्म उवाच:
जगत्प्रभुं देवदेवं अनन्तं पुरुषोत्तमम्।
स्तुवन् नामसहस्रेण पुरुषः सततोत्थितः॥

तमेव चार्चयन् नित्यं भक्त्या पुरुषमव्ययम्।
ध्यायन् स्तुवन् नमस्यंश्च यजमानस्तमेव च॥

अनादिनिधनं विष्णुं सर्वलोकमहेश्वरम्।
लोकाध्यक्षं स्तुवन्नित्यं सर्वदुःखातिगो भवेत्॥

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

श्रीविष्णुसहस्रनाम प्रारंभ
(यहाँ से 1 से 1000 नामों का पाठ शुरू होता है)

  1. विष्णुं विष्णुं वशट्कारो भूतभव्यभवन्नाथः
  2. भूतकृद्भूतभृद्भावो भूतात्मा भूतभावनः
  3. पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमा गतिः
  4. अव्ययः पुरुषः साक्षी क्षेत्रज्ञोऽक्षर एव च
  5. योगो योगविदां नेता प्रधानपुरुषेश्वरः
  6. नारसिंहवपुः श्रीमान् केशवः पुरुषोत्तमः
    … (क्रमशः 1000 नामों तक)

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

अंतिम श्लोक:
न वै श्रमेण यत्नेन भज्यते तत्त्वमुत्तमम्।
नमस्यामि सदा विष्णुं शान्ताकारं भुजंगशयनम्॥

Vishnu Sahasranamam का पाठ कैसे करें?

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

  1. शांत वातावरण में बैठें।
  2. भगवान विष्णु का ध्यान करें।
  3. “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का उच्चारण करें।
  4. विष्णु सहस्रनाम का पाठ श्रद्धा व एकाग्रता से करें।
Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi Poster
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Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

Vishnu Sahasranamam Lyrics in Hindi

विष्णु सहस्रनाम क्या है?

यह भगवान विष्णु के 1000 नामों का संग्रह है जो महाभारत में भीष्म पितामह द्वारा बताया गया था।

विष्णु सहस्रनाम का पाठ कब करें?

सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में या शाम को शांतिपूर्वक किया जा सकता है। एकादशी, गुरुवार एवं व्रत के दिन विशेष फलदायी होता है।

क्या विष्णु सहस्रनाम का पाठ दैनिक किया जा सकता है?

हाँ, नित्य पाठ से पुण्य की वृद्धि और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।

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