ऐगिरी नंदिनी Aigiri Nandini Lyrics in Hindi – महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र

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ऐगिरी नंदिनी Aigiri Nandini Lyrics in Hindi – महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र, Aigiri Nandini Lyrics in Hindi एक शक्तिशाली और प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जो देवी दुर्गा के महिषासुरमर्दिनी रूप की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की प्रत्येक पंक्ति माँ की अपराजिता शक्ति, सौंदर्य और साहस का गान करती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी और शक्ति उपासना के समय श्रद्धा और शक्ति जागरण के लिए पढ़ा जाता है।

माँ दुर्गा के तेजस्वी रूप का वर्णन करने वाला यह स्तोत्र भक्तों को आंतरिक शक्ति, साहस और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्रदान करता है। Aigiri Nandini Lyrics in Hindi, इसकी लय, उच्चारण और भाव एक साथ मिलकर चित्त को शांत और चेतना को जागृत करते हैं।

Aigiri Nandini Lyrics in Hindi (देवनागरी लिपि में)

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माँ दुर्गा की स्तुति – Aigiri Nandini (Lyrics in Hindi)

ऐगिरी नंदिनी स्तोत्रम् | Aigiri Nandini Lyrics in Sanskrit (Devanagari)

(महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम्)
रचयिता: श्री आदि शंकराचार्य


ऐगिरी नंदिनी नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदिनुते।
गिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते॥
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरीकृपामयि ताऱिणि मे।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥1॥)


सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते।
त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते॥
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिंधरते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥2॥)


अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्बवने वसतिं कुरु वं चितचेतसि।
कमलदलामलकोमलकान्ति कलाकलितामलभाललते॥
सकलविलासकलानिलयक्रमकेलिचलत्कलहांसिकुले।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥3॥)


सकलसुरासुरदेवमुनीश्वरमानसमोहन पाञ्चिजनी।
मम कवचं वसुधायै ददामि सदा निजपादयुगं स्मरन्॥
सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्जयमहिष राक्षसते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥4॥)


अयि शरणागत वैरिविनाशिनि धीनजनाशिनि रक्षरते।
जनपदपालिनि सञ्जनमोदिनि सत्वनिधे सततं नते॥
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥5॥)


जय जय जप्यजयेजयशब्दपरस्तुति तत्परविश्वनुते।
झणझणझिञ्झिमिमञ्जमरञ्जित नाटकधूतकृत नर्तनते॥
पटपटभाण्डविपाटकपिञ्झित भूतपटादिकनादनुते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥6॥)


अयि विजितखलदुष्टदुरासदधूतदुराधिपराघरते।
जितदशमुक्तिमहादुरधीर्षण शोकविनाशन रत्यरते॥
भुवनभवानी भवानी भवाभयदायिनि कात्यायनि।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥7॥)


सखलजनस्वजनप्रियमानस वैरिजयेरिपुवैरिहरे।
जयति जयन्ति सुधामयरूपधरे त्रिभुवनधारिणि धीरमते॥
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥8॥)


अयि सुतिका सुखदायकमातरि शिशुन्यहरस्वजनप्रिये।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥9॥)


जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ (॥10॥)

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माँ दुर्गा की स्तुति – Aigiri Nandini (Lyrics in Hindi)

गीत का अर्थ (संक्षिप्त भावार्थ)

यह स्तोत्र माँ दुर्गा के रौद्र और सौम्य दोनों रूपों का चित्रण करता है। इसमें उनके द्वारा महिषासुर सहित अन्य असुरों का वध, उनके दिव्य अस्त्र-शस्त्र, वाहन और विजय का वर्णन है। भक्त इस स्तोत्र को श्रद्धापूर्वक पढ़कर मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति कर सकते हैं।

YouTube पर Aigiri Nandini स्तोत्र सुनें

Aigiri Nandini Sanskrit Stotra Poster – Maa Durga
माँ दुर्गा की स्तुति – Aigiri Nandini (Lyrics in Hindi)

“Aigiri Nandini” स्तोत्र किसने लिखा है?

इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है।

“Aigiri Nandini” का पाठ किस समय करना चाहिए?

नवरात्रि, अष्टमी, या प्रतिदिन प्रातःकाल में इसका पाठ करना शुभ होता है।

क्या यह स्तोत्र सिर्फ स्त्रियाँ पढ़ सकती हैं?

नहीं, यह स्तोत्र सभी श्रद्धालु पढ़ और गा सकते हैं।

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